नेपाली कविता - कवि - क्रिसु क्षेत्री
अंग्रेज़ी से अनुवाद - विवेक मिश्र
जब था मैं ध्यान में
नीचे बैठा एक वृक्ष के
वृक्ष
निरन्तर करता था संवाद
गुनगुनाता था मधुर धुन में
मेरे शब्द
जब मैं हो रहा था अचेत
भूख से
वृक्ष ने दिए फल मुझे
रीतकर स्वयं
जब तप रहा था मैं
झुलसाते सूरज के नीचे
वृक्ष ने दी मुझे शीतल छाया
जब काँप रहा था
मैं शीत से
तब वृक्ष ने दी मुझे उष्णता
स्वयं शीत सह कर
मैं खोजता रहा ईश्वर को
बरसों-बरस
परन्तु अदृश्य रूप में
और ईश्वर खड़ा था
मेरे समक्ष
वृक्ष के रूप में।